याद किया है तुम्हे
Postedआदतन तुमने कर दिए
आदतन हमने ऐतबार
किया
तेरी राहों में बारहा रुक कर
हमने अपना ही इंतज़ार किया
अब ना माँगेगे ज़िंदगी या रब
ये गुनाह हमने एक बार किया
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on Thursday, February 10, 2011
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subah to aaj gulaabi ho gayi
क्या बात है..
wah wah
आपकी यह शायरी मुझे बहुत ही ज्यादा पसनद है गुलज़ार जी. पता नहीं क्यूँ, लेकिन मुझे यह पुराने किसी ज़माने में ले जाती है.
अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
वाह आपकी बात दिल को छू गई।
wahhhhhhhh, bhut badhiya
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Dil ke bat dil hi jaan pata hai..bahut sundar feelings
https://dev-palmistry.blogspot.in/
बहुत ही गहरी पंक्तियां हैं...वाह
https://uniquefeelingsofmine.blogspot.com/2022/06/husn.html?m=1