इश्क़ा इश्क़ा.... गुलज़ार साहब के खजाने से सूफ़ियाना अंदाज़े बयां... जितना सुनते हैं उतना और खो जाने को जी चाहता है. विशाल भारद्वाज ने किया संगीत; आवाज़ से सजाया रेखा भारद्वाज ने और आखों का सुकून ऋचा शर्मा का नृत्य 8 गाने और सब एक से बढ़ कर एक तराशे हुए.
- तेरे इश्क़ में
- रात की जोगन
- चिंगारी-
राहू राहू
- तेरी रज़ा
- जोगिया
- इश्क़ा इश्क़ा
" तेरी ज़ुस्तजू करते रहे , करते रहे तेरे इश्क़ में;
तेरे रूबरू बैठे हुए मरते रहे तेरे इश्क़ में;
तेरे रूबरू तेरी ज़ुस्तजू, तेरे इश्क़ में....."
"तेरे इश्क़ में तनहाईयाँ, तनहाईयाँ तेरे इश्क़ में;
हमने बहुत बहलाइयाँ, तनहाईयाँ तेरे इश्क में;
रूसे बहुत मनवाइयाँ, तनहाईयाँ.... तेरे इश्क़ में"
कल सुन रहे थे, तो एक सुकून सा मिला। यहाँ सुकून बाँटने चले आए...
जो भी सुनना चाहें और डाउनलोड करना चाहें ... यहाँ लिंक दिया है॥
http://www.mastmag.com/songs/indian-pop/?type=1&name=gulzar-%5BIshqa-ishqa%५ड
दोस्त, यार , सखा,,,, जो भी हो जनाब मज़ा आ गया...गुलज़ार के लब्जों को सुनाने के लिए शुक्रिया
इसमें डुबकी लगवाने के लिए शुक्रिया। और ब्लोग बहुत ही खूबसूरत है।
जाने कितने सालों से सुन रहा हूँ आज भी रस आता है!
Shukriya! ise yaha share karne ke liye.. aur is blog mein jaan dalne ke liye bhi..
salaam..Gulzar sahib ka dil se bahut bada fan hoon.
kaise woh sari batein keh jatein jo hamare dil mein rehti hai tees bankar..
par mua nikalti kyon nahi hai...
इसको सुनवाने का शुक्रिया बेहद खूबसूरत है